मंगलवार, 13 मार्च 2012

मुर्दों का दर्द


अखबार में खबर पढ़कर जाग गया

जब देखा कि एक मुर्दा चीड़घर से भाग गया

ढ़ूड़कर लाने वाले को ईनाम मिलेगा

यदि बेरोजगार हुआ तो चीड़घर में ही काम मिलेगा

प्हचान कुछ इस प्रकार लिखी थी -

उसका ब्लेक एण्ड व्हाइट

मगर दाड़ी मूंछ रंगीन है

और हेयर स्टाइल बिल्कुल नवीन है

एकदम गठीला बदन है

शरीर पर टेरीकाट का कफन है

दौड़ नहीं सकता एक टांग टूटी है

दिखाई भी कम देता है एक आंख फूटी है

ढूड़कर लाइये आप भी किस्मत आजमाइये

यह सिलसिला शाम तक चला

मगर वह मुर्दा नहीं मिला

अचानक सोचा चलो कब्रिस्तान देख लेते हैं

एक बार फिर, किस्मत का पासा फेंक लेते हैं

टार्च लेकर रात 10 बजे कब्रिस्तान आया

वहां पर रोशनी देखकर सर चकराया

बड़ा आश्चर्यजनक हाल था

सामने सजा सुन्दर पण्डाल था

बड़ी संख्या में मुर्दे विराजमान थे

कुछ मरियाल और कुछ नौजवान थे

छिपकर देखा भाषण चल रहे थे

कुछ मुर्दे आस-पास टहल रहे थे

एक ने मुझे देखा और बोला पत्रकार साहब अन्दर आइये

अपने अखबार में एक-एक बात फोटो सहित निकलवाइये

मैं घबरा रहा था, किन्तु हिम्मत बना रहा था

कागज पेन निकालकर सभा में खो गया

उनका उसी समय भाषण शुरू हो गया

सर्वप्रथम स्व0 अमरलाल जी आये

अपनी बदकिस्मती पर दो आंसू बहाये

बोले हमारा पुत्र कहता है कि पिताजी स्वर्ग में खड़े हैं

किन्तु उस नालायक को क्या पता स्वर्ग में भीड़ है

इसलिये हम वेटिंग लिस्ट में पड़े है

खैर हमारा विषय है कब्रिस्तान में बढ़ती हुई जनसंख्या

और पर्यावरण प्रदूषण -इसके कारण

और मानव द्वारा मुर्दों का शोषण

बड़ी संख्या में जनता मर रही है

हमारे आस-पास की सारी जमीन भर रही है

बम फटा तो हमारी मुसीबत हुई

सैकड़ों यहां भिजवा दिये

धर्म के नाम पर गोलियां चलीं

हजारों यहां पहुंचा दिये

कौन जाने हम मुर्दे कैसे रहते हैं

प्रदूषण और गंदगी कैसे सहते हैं

मैं प्रधानमंत्री जी को एक पत्र पहुंचाउंगा

उन्हें यहां के हालात से अवगत कराउंगा

आखिर हम मुर्दों को भी जीने का हक है

इससे तो अच्छा हमारा नरक है

कहेंगे महोदय कृप्या मरने पर अंकुश लगाइये

अन्यथा कुछ नये कब्रिस्तान बनवाइये

हमें आपसे बहुत बड़ी शिकायत है

हमारे यहां बीमार मुर्दों की बहुतायत है

जो रात भर खंासते खखारते हैं सोने नहीं देते

नहाना तो दूर हाथ तक नहीं धोते

जो बीमारी में आते हैं

हमारे बीच रोग फैलाते हैं

जो साहित्यकार आते हैं

हम सबका दिमाग चाटकर पागल बनाते हैं

आपसे अनुरोध है कि शीघ्र ही इलाज हेतु

एक डाॅक्टर मारकर पहुंचा दें

क्ृप्या हमारे कष्टों पर विचार करे

और हम मुर्दों का उद्धार करें

भविष्य में जो भी मुर्दा भिजवायें बीमार और बूढ़े नहीं

स्वस्थ और नौजवान भिजवायें

अन्यथा हम सब मिलकर

स्वर्ग का बहिस्कार कर नर्क में चलें जायेंगे

और फिर आपके पुरखे नर्कवासी कहलायें।

मैं भाषण सुनकर भाग आया

उस मुर्दे को नहीं खोज पाया

किन्तु यह समाचार आप तक पहुंचा रहा हूं

और अब स्वर्ग से सीधे नर्क में जा रहा हं।