अपनी बात : मन में जब कोई कीड़ा कुलबुलाता है तो वही कहानी, कविता, गीत बन जाता है. और जब समाज में ऐसा कुछ होता है जिस पर कुछ कहने को मन करता है, चाहे वह विरोध के स्वर हों या फिर समर्थन के. तो कलम चलती है (आज के समय में कंप्यूटर के की बोर्ड पर उंगलिया) बस विचारो के इसी प्रवाह का नाम है अपनी बात
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