शनिवार, 7 जनवरी 2017

काम बोलता है! पर झूठ बोलता है

अभी तक अखबारों और समाचार पत्रों के माध्यम से मैं सुन रहा था कि "काम बोलता है!" मुझे भी भरोसा होने लगा था कि काम होगा तो बोलेगा ही! ☺ पर आज तो "काम" ने सीधे मुझसे बात की, बोले तो....... सीधे काम बोला और मेरे नम्बर पर बाकायदा फोन किया, पर उसके फोन करने के बाद मुझे लगा कि भाई अब तो "काम भी झूठ बोल रहा है☺।" 
मित्रों आज मैं यह कोई व्यंग नहीं लिख रहा हूं न ही कोई कहानी है, आज मेरे साथ कुछ वाकया ही ऐसा हुआ है जो मजबूरन भरोसा करना पड़ा है कि काम बोलता तो है! मगर झूठ बोलता है। 
आज मेरे पास 12 बजकर 40 मिनट पर 0522-6691750 नम्बर से फोन आया, और उधर से बोलने वाली मोहतरमा ने सूचित किया कि वह ‘‘माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यालय से बोल रही हैं! आश्वस्त होने के लिये मैने पुनः प्रश्न किया कि कहां से बोल रही हैं? 
       ‘‘उधर से कन्फर्म किया गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से ही फोन है, और माननीय मुख्यमंत्री जी यह जानने के इच्छुक है कि आपके परिवार की दुलारी जी को समाजवादी पेंशन समय से मिल रही है या नही!!?????
दुलारी जी !! यह कौन हैं? मैने पूछा।
   तो उन मैडम ने बताया कि आपके परिवार की हैं और आपको नहीं पता?
मैने कहा कि मेरे परिवार में कोई भी इस नाम का महापुरूष नहीं हैं।
मैडम ने प्रश्न किया, ‘‘आपके परिवार मंे किसी को भी समाजवादी पेंशन नहीं मिल रही है?’’
‘‘समाजवादी क्या मेरे परिवार में कभी किसी को किसी प्रकार की कोई पेंशन नहीं मिली,
और तो और मेरी छोटी बहन ने एक बार जिद करके छात्रृवृत्ति का फार्म भर दिया था, काफी इंतजार करने पर जब उसको छात्रवृत्ति नहीं मिली तब उसने अपने काॅलेज/बैंक में पूछा तो बताया गया कि आपकी छात्रवृत्ति नेपाल में भूकम्प पीड़ितों की सहायतार्थ भेज दी गई। 
अब भला बिना फार्म भरे मेरे परिवार में किसी को पेंशन कैसे मिलने लगी।
फोन करने वाली मैडम ने पुनः आश्वस्त होना चाहा, ‘‘सर क्या सच में आपके घर में किसी को पेंशन नहंी मिली?’’ मेरे स्पष्ट इन्कार करने पर उन्होंने कहा ‘‘सर मेरे रिकार्ड में तो आपके यहां पेंशन जा रहीं है?’’
मैं उनसे कुछ और पूछना चाहता था, पर शायद उनको शर्मिंदगी लगी सो उन्होने फोन काट दिया।
यदि आप में से कोई मित्र यह फोन रिकार्डिंक सुनने का इच्छुक हो तो मुझे 9125939294 पर व्हाट्सएप सन्देश भेज सकता है।

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